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सफलता वो नहीं होती जो हम पाना चाहते हैं, सफलता वो होती है जो हम खुद के लिए चुनते हैं
"कविता साहित्य का मूल है" बच्चों में कविता की खुशबू फैलाने के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल, कोयम्बत्तूर में कक्षा छठी से आठवीं तक के छात्रों के लिए कविता वाचन प्रतियोगिता और नवीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए विज्ञापन प्रस्तुति आयोजित की गई। दीप प्रज्ज्वलन के बाद संगीत और नृत्य के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह और जोश के साथ वीर रस पर आधारित कविताएँ – “कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें” और विज्ञापन प्रस्तुति – “यह धरती कितना देती है” में भाग लिया । प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाना और उनके कविता वाचन कौशल में सुधार करना था।
कविता वाचन प्रतियोगिता में प्रत्येक विद्यालय से पाँच प्रतिभागियों के समूह को आमंत्रित किया गया जिसमें कुल १५ विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रत्येक विद्यालय के समूह को कविता सुनाने के लिए ३ मिनट का समय दिया गया ।प्रतिभागियों ने अभिव्यक्ति, विचार, तुकबंदी और शब्दों की ध्वनि की सुंदरता का आनंद लिया। उन्होंने अपनी ध्वन्यात्मक जागरूकता, कल्पना और रचनात्मक क्षमता को उत्कृष्ट तरीके से व्यक्त किया। छात्रों ने सुंदर भावों, विचारों और लय के साथ कविताएँ सुनाकर सभी को आनंदित किया । उनके शब्दों और मासूम हाव-भाव के जादू ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विज्ञापन प्रस्तुति में प्रत्येक विद्यालय से तीन प्रतिभागियों के समूह को न्योता दिया गया था, जिसमें कुल १५ विद्यार्थियों ने भाग लिया । प्रत्येक विद्यालय को विज्ञापन बनाने के लिए एक घंटे का अवकाश दिया गया । विज्ञापन प्रस्तुति के प्रतिभागियों ने “पर्यावरण संरक्षण से ही मानव की सुरक्षा’’ पर आधारित सुन्दर विज्ञापन बनाए।
प्रतियोगिता का मूल्यांकन -विषयवस्तु, भाषाई दक्षता, तुकबंदी और लय तथा प्रस्तुति के आधार पर किया गया। प्रतियोगिता की सम्मानित निर्णायक श्रीमती छाया ने प्रतिभागियों की प्रशंसा की, प्रतिभागियों की भाषाई कौशल, आविष्कारशीलता और कविता पाठ के लिए उनकी योग्यता की सराहना की। हिंदी के महत्त्व के बारे में विस्तार से बताया, कविता की प्रस्तुति, व्याकरण की त्रुटियों के बारे में अवगत कराया।
साहित्यिक ज्ञान प्राप्त करने और छात्रों की ऊर्जा और रुचि को प्रोत्साहित करने के लिए साहित्यिक प्रतियोगिताएँ आवश्यक हैं, इस प्रकार दिल्ली पब्लिक स्कूल ने छात्रों को धाराप्रवाह बनाने का यह अवसर दिया है।
विजेताओं की घोषणा के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ। प्रतियोगिता के समापन समारोह में प्रतियोगिता के निर्णायक, श्रीमती छाया ने एवं दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमती माहेश्वरी नटराजन ने विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया।
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